राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने विद्याधर नगर स्टेडियम में स्वामी रामभद्राचार्य जी से सुनी रामकथा
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने शुक्रवार को विद्याधर नगर स्टेडियम में आयोजित रामकथा में शामिल होकर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज से रामकथा का श्रवण किया।

जयपुर। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने शुक्रवार को विद्याधर नगर स्टेडियम में आयोजित रामकथा में शामिल होकर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज से रामकथा का श्रवण किया। इस अवसर पर उन्होंने स्वामी रामभद्राचार्य जी को एक महान संत और तपस्वी बताया और उनके अध्यात्मिक ज्ञान एवं गहरे अध्ययन की सराहना की। राज्यपाल ने कहा कि भारत की प्राचीन संस्कृति को संरक्षित रखने में संतों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, और स्वामी रामभद्राचार्य जैसे संतों की परंपरा ने देश की संस्कृति को समृद्ध बनाए रखा है।
राज्यपाल बागडे ने अपने संबोधन में कहा कि मुगल काल के दौरान देश की संस्कृति पर लगातार आघात किए गए थे। अत्याचारियों ने इसे नष्ट करने का हर संभव प्रयास किया, परंतु संतों की ज्ञान और साधना पर आधारित परंपरा के कारण हमारी संस्कृति सुरक्षित रही। उन्होंने इस संदर्भ में स्वामी रामभद्राचार्य का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके जैसे संतों के तप, साधना और धार्मिक ज्ञान ने न केवल समाज को प्रेरित किया है, बल्कि भारतीय संस्कृति को भी गहराई से प्रभावित किया है।
राज्यपाल ने इस अवसर पर स्वामी रामभद्राचार्य जी से भारतीय अध्यात्मिक परंपरा और संस्कृति पर भी चर्चा की। उन्होंने जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी को युग-संत की उपाधि देते हुए कहा कि उनके मुख से रामकथा का श्रवण करना स्वयं में एक सजीव अनुभव है जो जीवन को सार्थक बनाता है। राज्यपाल ने कहा कि स्वामी रामभद्राचार्य जी की रामकथा न केवल धार्मिक रूप से बल्कि समाज और संस्कृति के संरक्षण के दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
कार्यक्रम में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने रामकथा का श्रवण किया और भारतीय संस्कृति एवं अध्यात्म के प्रति अपनी आस्था को प्रकट किया।
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