किसानों के लिए गहलोत सरकार की पहल: जमीन कुर्की रोकने के लिए बनाया कानून, 5 साल में खोले 51 कृषि महाविद्यालय

गहलोत ने कहा कि इन फैसलों से किसानों को आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूती मिली है। उन्होंने किसानों और पशुपालकों से आह्वान किया कि वे राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाएं।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को चौमूं में किसानों के साथ एक कार्यक्रम में कहा कि राज्य सरकार ने किसानों और पशुपालकों के कल्याण के लिए कई अभूतपूर्व फैसले किए हैं। इनमें देश में पहली बार अलग से कृषि बजट, कृषक कल्याण कोष का गठन, 2000 यूनिट प्रति माह निःशुल्क कृषि बिजली जैसे निर्णय शामिल हैं।

गहलोत ने कहा कि इन फैसलों से किसानों को आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूती मिली है। उन्होंने किसानों और पशुपालकों से आह्वान किया कि वे राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन योजना के द्वारा कृषक स्वयं अपने उत्पादों की प्रोसेसिंग और मार्केटिंग कर रहे हैं। इस योजना में प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने के लिए 2 करोड़ रुपए तक अनुदान दिया जा रहा है। प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान पर भी सरकार द्वारा सर्वे कराकर राहत प्रदान की गई है। कृषि यंत्रों की खरीद पर अनुदान दिया जा रहा है।

गहलोत ने कहा कि कामधेनु पशु बीमा योजना के तहत 40 हजार रुपए प्रति दुधारू पशु बीमा उपलब्ध कराया जा रहा है। लम्पी रोग से मृत गायों के लिए 40-40 हजार रुपए का मुआवजा दिया गया है। राज्य सरकार द्वारा किसानों की जमीन की कुर्की रोकने सम्बंधित कानून बनाया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 5 साल में 51 कृषि महाविद्यालय खोले गए हैं, जहां विद्यार्थी कृषि क्षेत्र में भविष्य संवार रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने 5 साल में लगभग 500 करोड़ रुपए गौवंश के लिए दिए। वहीं, वर्तमान सरकार द्वारा अब तक लगभग 3 हजार करोड़ रुपए का अनुदान दिया जा चुका है।

गहलोत ने कहा कि महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत 125 दिन के रोजगार से ग्रामीणों को आर्थिक सम्बल मिला है। उन्होंने कहा कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की चर्चा पूरे देश में हो रही है।

कार्यक्रम में किसानों ने मुख्यमंत्री को अपने नवाचारों और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर आय में हुई वृद्धि के बारे में बताया। इस दौरान उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने विभाग से संबंधित योजनाओं, नवाचारों तथा उपलब्धियों के बारे में मुख्यमंत्री को जानकारी दी।

कार्यक्रम में कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि किसानों की आर्थिक मजबूती के लिए पहली बार अलग से कृषि बजट पेश कर प्रोत्साहन दिया गया। दुग्ध एवं दलहन सहित विभिन्न फसलों के उत्पादन में राजस्थान प्रथम स्थान पर है।

कार्यक्रम में उद्योग मंत्री शकुन्तला रावत, शाहपुरा विधायक आलोक बेनीवाल, पूर्व विधायक भगवान सहाय सैनी सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधिकारी तथा कृषि एवं बागवानी से जुड़े कृषक मौजूद थे।

मुख्यमंत्री की घोषणाओं का सारांश

  • देश में पहली बार अलग से कृषि बजट, कृषक कल्याण कोष का गठन, 2000 यूनिट प्रति माह निःशुल्क कृषि बिजली जैसे निर्णयों से किसानों को सम्बल मिला है।
  • राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन योजना के द्वारा कृषक स्वयं अपने उत्पादों की प्रोसेसिंग और मार्केटिंग कर रहे हैं।
  • कामधेनु पशु बीमा योजना के तहत 40 हजार रुपए प्रति दुधारू पशु बीमा उपलब्ध कराया जा रहा है।
  • लम्पी रोग से मृत गायों के लिए 40-40 हजार रुपए का मुआवजा दिया गया है।
  • राज्य सरकार द्वारा किसानों की जमीन की कुर्की रोकने सम्बंधित कानून बनाया गया है।
  • पिछले 5 साल में 51 कृषि महाविद्यालय खोले गए हैं।
  • महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत 125 दिन के रोजगार से ग्रामीणों को आर्थिक सम्बल मिला है।

किसानों की प्रतिक्रिया

कार्यक्रम में किसानों ने मुख्यमंत्री को बताया कि राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर उनकी आय में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं से किसानों को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिल रही है।